साथियान ज्ञानसेकरण: भारतीय टेबल टेनिस के मशाल वाहक

इंडोनेशिया के योगयाकार्ता में पसीना बहाए बिना उत्तर कोरिया के एन-जी सोन्ग पर एक शक्तिशाली प्रहार करने के बाद, साथियान ज्ञानसेकरण ने वह कर दिखाया जो 1976 में सुधीर फाड़के के बाद से किसी भारतीय ने नहीं किया था। इस 26 वर्षीय ने एशियाई टेबल टेनिस चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, जहां कि वे विश्व के नंबर 4 के खिलाड़ी लिन गाओयुआन के खिलाफ़ खेलते हुए हार गये। साथियान का प्रदर्शन महाद्वीपीय इवेंट में न केवल भारत का सर्वश्रेष्ठ परिणाम है, बल्कि यह एक नए युग की सुबह का भी प्रतीक है, विश्व के नंबर 30 की मदद से जिसका संकेत मिलता है। एक संपन्न पीढ़ी का रास्ता कभी आसान नहीं होता है और साथियान के साथ भी ऐसा ही हुआ।

2014 में 21 वर्षीय साथियान को कॉमनवेल्थ गेम को छोड़कर अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री का चुनाव करना पड़ा, लेकिन शिक्षाविदों द्वारा संचालित उनका परिवार उन्हें करियर के रूप में टेबल टेनिस को चुनने से नहीं रोक सका। और उनकी सफलता ने उनके फैसले को जायज ठहराया है। 2016 में साथियान ने बेल्जियम ओपन के फाइनल में होमटाउन के पसंदीदा न्यूटिंक सेडरिक को हराकर अपने पहले टूर्नामेंट की जीत पर कब्जा करके पुरुषों का एकल खिताब जीत लिया। ऐसा करने के बाद वे शरत कमल के बाद आईटीटीएफ टूर खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गये।



2017 साथियान के लिए उनके करियर का सबसे अच्छा साल रहा। उन्होंने अल्मेरिया में स्पेनिश ओपन में अपने करियर का दूसरा पुरुष एकल खिताब जीता और इसके अलावा उन्होंने थाईलैंड और बेल्जियम में आईटीटीएफ चैलेंज स्पर्धा में पुरुषों की युगल श्रेणी में कांस्य और स्वीडेन और बुल्गारिया के आईटीटीएफ मेजर में एक और कांस्य और रजत पदक जीते।



साथियान ने 2018 में अपनी जीत का सिलसला जारी रखा। उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम में एक टीम स्वर्ण, एक युगल रजत और मिश्रित युगल कांस्य पर कब्जा जमाया। उस अविश्वसनीय वापसी के बाद, साथियान ने जर्मन बुंडेस्लीगा से दिलचस्पी हासिल की और एएसवी ग्रुनवेटबाख टिश्टेनिस के साथ साइन किया। एक और कमाल के साल में, साथियान को 2018 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और वे यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले 27वें टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गये।

26 की उम्र में, साथियान के लिए काफी कुछ करना बाकी है। उन्हें उम्मीद है कि देश में बैडमिंटन की तरह भारतीय टेबल टेनिस में भी पुनर्जागरण आ सकता है और सितारों की एक पूरी नई पीढ़ी इस खेल पर छा जायेगी और दुनिया भर से सबसे बड़े सम्मान के लिए मुकाबला करेगी। साथियान ने अपने हिस्से का काम पूरा कर दिया है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा करते रहेंगे। उनका अगला असाइनमेंट स्वीडिश ओपन है, जिसके बाद वे जर्मन ओपन में हिस्सा लेंगे। चेन्नई मूल के यह खिलाड़ी चीन के चेंग्दू में विश्व कप में खेलकर अपने साल का समापन करेंगे। जबकि, भारत को चीन और दक्षिण कोरिया जैसे टेबल टेनिस पावरहाउस की बराबरी करने के लिए कुछ और फासले तय करने होंगे। साथियान जैसे खिलाड़ियों के प्रयास और सफलता ने इस अंतर को पाटने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

लेखक: स्पोर्ट्ज़ इंटरएक्टिव

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