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केकेआर के लिए खेलने के मौके नहीं मिलने पर छलका कुलदीप यादव का दर्द, कहा- कम्युनिकेशन कमजोर होता है, तो मुश्किल होती है

कोलकाता नाइट राइडर्स के स्पिनर कुलदीप यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे कम्युनिकेशन कमजोर होने पर चीजें उनके लिए मुश्किल हो जाती हैं. चेन्नई के स्पिन-फ्रेंडली स्टेडियम में अपने अधिकांश मैच खेलने के बावजूद चाइनामैन स्पिनर को आईपीएल 2021 के पहले चरण में केकेआर के लिए एक भी मैच खेलने को नहीं मिला.

केकेआर ने कुलदीप यादव पर वरुण चक्रवर्ती को तरजीह दी गई. इस बीच, कुलदीप को लगता है कि फ्रेंचाइजी ने उनके स्किल्स पर कोई भरोसा नहीं दिखाया और उनकी क्षमताओं पर कोई भरोसा नहीं था. यादव ने खुलासा किया कि उन्हें ये देखकर हैरानी हुई कि प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने पर इसका कारण नहीं बताया गया.

यादव ने बाद के यूट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा से बात करते हुए कहा, ” जब कोच ने आपके साथ पहले भी काम किया हो और आपके साथ लंबे समय से हों, तो वो आपको बेहतर जानते हैं. लेकिन जब कम्यूनिकेशन ही कमजोर होगा तो ये मुश्किल हो जाता है. कभी-कभी आपको पता भी नहीं होता कि आप खेलोगे या नहीं, या टीम आपसे क्या उम्मीद लगा कर बैठी है.”

“कभी आपको लगता है कि आपको टीम में होना चाहिए, आप टीम के लिए मैच जीत सकते हो, लेकिन आपको पता ही नहीं होता कि आप क्यों नहीं खेल रहे. मैनेजमेंट 2 महीने के प्लान के साथ आती है, तो ये मुश्किल हो जाता है.”

कुलदीप यादव ने कहा, “भारतीय टीम में जब आप नहीं खेलते तो मैनेजमेंट आपसे बात करता है, लेकिन ऐसा आईपीएल में नहीं होता. मुझे याद है कि मैंने आईपीएल से पहले फ्रेंचाइजी से बात की थी, लेकिन बीच में जो मैच हुए, किसी ने मुझे एक्सप्लेन नहीं किया. मैं थोड़ा शॉक्ड था. मुझे लगा कि उनको मुझ पर भरोसा नहीं है, उनको मेरी स्किल पर विश्वास नहीं है. ऐसा तब होता है जब टीम के पास बहुत सारे विकल्प होते हैं. केकेआर के पास अब बहुत सारे स्पिनर्स हैं.”

इस बीच, पहले दिनेश कार्तिक केकेआर के कप्तान थे, लेकिन उन्होंने आईपीएल 2020 में कप्तानी छोड़ दी थी. इसके बाद, इंग्लैंड के विश्व कप विजेता कप्तान इयोन मॉर्गन को केकेआर का कप्तान नियुक्त किया गया. यादव को लगता है कि एक भारतीय कप्तान और एक विदेशी कप्तान के बीच बहुत अंतर है क्योंकि प्रॉपर बातचीत नहीं हो पाती है.

कुलदीप यादव ने कहा, “निश्चित रूप से इस चीज का बहुत फर्क पड़ता है. मुझे नहीं पता कि इयोन मॉर्गन मुझे कैसे देखते हैं. ऐसे मामलों में, कम्युनिकेशन गैप बढ़ जाता है.”

“भारतीय कप्तान से आप खुलकर बोल सकते हो, पूछ सकते हो. मान लीजिए रोहित शर्मा जैसे कप्तान से आप स्वतंत्रता से पूछ सकते हो कि बेहतर होने के लिए मुझे क्या करना है और टीम में मेरा क्या रोल है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कप्तान को इस बात में भी दिलचस्पी लेनी चाहिए कि वह मुझसे क्या उम्मीद करता है.”

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