पिछले एक से दो सालों में भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजों ने बहुत ही उम्दा खेल दिखाया है. घरेलू मैदानों से लेकर विदेशी सरजमीं तक तेज गेंदबाजों का खूब बोलबाला देखने को मिला. 2018 के बाद से भारतीय टीम के तेज गेंदबाजों ने 24 टेस्ट मैचों में 21.33 की औसत के साथ 292 विकेट चटकाए है. बता दे, कि पिछले दो सालों में किसी भी टीम के तेज गेंदबाजों ने इतने विकेट नहीं लिए.
भारतीय कमेंटेटर और क्रिकेट विश्लेषक हर्षा भोगले ने कहा है कि कप्तान विराट कोहली ने टीम के तेज गेंदबाजों की बढ़त में अहम भूमिका निभाई है. कोहली हमेशा विदेशी परिस्थितियों में तीन मुख्य तेज गेंदबाजों के साथ खेलना पसंद करते हैं. इससे पहले, हमने देखा था कि भारत विदेशी परिस्थितियों में अपने प्लेइंग इलेवन में दो स्पिनरों को खेलता है जबकि कोहली केवल एक स्पिनर के साथ खेलना पसंद करते हैं.
इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और इशांत शर्मा ने बीते दो वर्षों में काफी शानदार खेल दिखाया. इतना ही नहीं मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजी क्रम को अब तक का सर्वश्रेष्ठ भी माना जाता है. भारत के पास तेज गेंदबाजों में कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और जहीर खान जैसे दिग्गज तेज गेंदबाज रहे, जो किसी भी विपक्षी टीम को अपने सामने घुटने टिकाने पर मजबूर कर देते थे.
विराट हमेशा से ही अपने गेंदबाजों को फिटनेस पर काम करने के लिए प्रेरित करते है. विराट कोहली के साथ साथ और तेज गेंदबाजों के बढ़िया प्रदर्शन का श्रेय गेंदबाजी कोच भरत अरुण को भी जाता है. भरत अरुण ने बतौर गेंदबाजी कोच बहुत शानदार कम किया.
इसी बीच, हर्षा भोगले को ऐसा लगता है कि जहीर खान ने अगली पीढ़ी पर एक प्रभावशाली के रूप में अहम भूमिका निभाई, जबकि पूर्व कप्तान एमएस धोनी हमेशा स्पिनर का उपयोग करते थे. हालांकि विराट कोहली ने तेज गेंदबाजों पर ना सिर्फ भरोसा दिखाया, बल्कि उनमें एक विश्वास भी पैदा किया.
हर्षा भोगले ने क्रिक कास्ट से बात करते हुए कहा, “जहीर खान का अगली पीढ़ी पर थोड़ा प्रभाव था लेकिन मुझे लगता है कि सबसे बड़ा प्रभाव विराट कोहली का रहा है. क्योंकि विराट कोहली तेज गेंदबाजों के साथ खेलना पसंद करते हैं. धोनी स्पिन गेंदबाजों के लिए बहुत अच्छे कप्तान थे. लेकिन विराट कोहली के आने के बाद, हमारे पास भुवनेश्वर कुमार थे, फिर जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी फिर से आए.’’
2018-19 में जब टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, तब (इशांत, बुमराह और शमी) की तिकड़ी ने पूरे दौरे पर 48 विकेट लेकर मेजबान टीम को कमर तोड़ दी थी और भारत पहली बार ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीतने में सफल रहा था.
मौजूदा समय में सभी तेज गेंदबाज एकदम फिट नजर आते हैं और विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए वह लगातार 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ गेंदबाजी भी करते हैं.
इसके अलावा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और नवदीप सैनी जैसे गेंदबाज टेस्ट टीम में अपने मौके का इंतजार कर रहे हैं. इस प्रकार, भारतीय टीम के पास अपने आक्रमण में ठोस बेंच स्ट्रेंथ और गहराई है.
Written by: अखिल गुप्ता
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