इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने स्वीकार किया है कि वह आखिरी दिन के पहले सत्र में कुछ अलग तरीके से कर सकते थे लेकिन वह अच्छी कप्तानी नहीं कर सके. मेजबान टीम अंतिम दिन में कमांडिंग कंडीशन में थी क्योंकि भारत के पास 154 रनों की बढ़त थी और हाथ में सिर्फ चार विकेट बचे थे.
इंग्लैंड ऋषभ पंत का शुरुआती विकेट लेने में सफल रहा और उसने इशांत शर्मा को भी आउट किया. हालांकि, रूट ने मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के लिए मैदान फील्ड खोल दी और दोनों के लिए आसानी से तालमेल के साथ बल्लेबाजी करते रहे. दोनों पुछल्ले बल्लेबाजों ने अच्छी बल्लेबाजी की और महत्वपूर्ण रन जोड़कर इंग्लैंड के गेंदबाजों को निराश किया.
दोनों ने 89 रनों की नाबाद साझेदारी की, जो इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए 9वें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है. इंग्लैंड के गेंदबाज मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के साथ वाद-विवाद पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे थे और स्टंप्स पर अच्छी गेंदें नहीं फेंक पाए.
जो रूट ने मैच के बाद की प्रस्तुति में बात करते हुए कहा, “आप हमेशा इस तरह की चीजों से निपटने के तरीके खोजने की कोशिश करते हैं, हम खुद को उससे नहीं निकाल पाए, जो निराशाजनक था, लेकिन अभी काफी क्रिकेट बचा है और हम मजबूती से वापसी करेंगे. कप्तान के तौर पर मेरी जिम्मेदारी ज्यादा है. रणनीतिक तौर पर मैं कुछ चीजें अलग कर सकता था. शमी और बुमराह के बीच साझेदारी मैच का अहम पल था. इसने हमें परेशानी में डाल दिया. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उस पारी को ठीक तरह से खत्म नहीं कर पाए. निचले क्रम का डीफेंस कितना चुनौतीपूर्ण और उपयोगी हो सकता है, उसे मैंने हल्के में लिया.”
वुड और मोईन के बारे में रूट ने कहा, “उन्होंने टेस्ट मैच में सर्वश्रेष्ठ दिया, मार्क को चोट भी आई, लेकिन उनका रवैया बहुत अच्छा था, मोईन जिस तरह से खेल रहे थे वह देखना वाकई काफी उत्साहजनक था. सीरीज में हमने खुद को इस परिस्थिति में पाया है, तो अब हम टॉप पर वापसी करेंगे. धैर्य रखें, सबक सीखें और अगली को ना दोहराएं.”
जो रूट ने मौजूदा सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया है क्योंकि वह पहले ही दो शतक बना चुके हैं लेकिन अंतिम दिन के सुबह के सत्र में वह कप्तान के रूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. इंग्लैंड मैच में कमांडिंग कंडीशन में था लेकिन भारत अंतिम दिन मेजबान टीम से खेल को छीनने में सफल रहे. दरअसल, इंग्लैंड की जीत या ड्रॉ की संभावना भारत की जीत से ज्यादा थी.
शमी और बुमराह के बल्ले से प्रदर्शन के बाद, भारतीय तेज गेंदबाजों ने सामूहिक प्रयास किया क्योंकि मोहम्मद सिराज ने चार विकेट लिए जबकि बुमराह 3, इशांत और शमी ने क्रमशः दो-दो एक विकेट लिए.
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