क्या बोबो के कारनामे हैदराबाद की किस्मत बदल सकते हैं?

अब तक के अपने नौ मैचों में से सिर्फ एक में जीत हासिल करने वाले हैदराबाद एफसी को आईएसएल तालिका में सबसे नीचे जगह दी गई है। उनके लिए कुछ भी सही नहीं रहा है क्योंकि वे स्कोरिंग और बचाव दोनों ही मामलों में संघर्ष करते आयें हैं।

हालांकि, अगर पिछले मैच में उनके प्रदर्शन से कुछ हो जाये तो उनकी किस्मत जल्द ही बदल सकती है। और वह ज्यादातर इस बात पर निर्भर करेगा कि डेविसन रोजरियो दा सिल्वा, जो कि बोबो के नाम से मशहूर हैं, आने वाले मैचों में कैसा खेलते हैं।

यह बोबो का दोहरा स्ट्राइक ही था जिसने हैदराबाद को एटीके जैसे मजबूत विरोधी के खिलाफ़ एक महत्वपूर्ण अंक हासिल करने में मदद की। कोलकाता स्थित फ्रैंचाइजी इस सीजन में लीग की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक रही है। गोल करने की बात की जाये तो उनका बचाव दूसरा सर्वश्रेष्ठ रहा है, फिर भी बोबो उनका पीछा कर स्कोर करने में कामयाब रहे। एक बार ही नहीं बल्कि दो बार। इससे यह आसानी से कहा जा सकता है कि ब्राजील का यह खिलाड़ी कितना अच्छा स्ट्राइकर है।

बोबो ने इस सीजन में अब तक पांच मैचों में तीन गोल अपने नाम किये हैं। वास्तव में, उनका इतिहास रहा है कि उन्होंने अब तक जिस किसी भी क्लब के लिए खेला है, उसकी किस्मत अच्छी बना दी है। उनके पास चार तुर्की कप, एक लीग खिताब और एक दूसरा तुर्की सुपर कप हैं, जिन्हें उन्होंने तुर्की के दिग्गज बेसिक्तास के साथ खेलकर अपने नाम किया है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया की ए-लीग में भी सफलता मिली है। सिडनी एफसी के लिए 15 गोल के उनके स्कोर ने उन्हें 2016 में खिताब जीतने में मदद की और उन्होंने अगले सीजन में उनके लिए गोलों की संख्या लगभग दोगुनी (27) तक पहुंचा दी।

तो इन संख्याओं से पता चलता है कि बोबो की मौजूदगी हैदराबाद एफसी के लिए कितनी अहमियत रखती है। वे सीजन के शुरुआती दौर में चोटिल हो गए थे लेकिन अब वे पूरी तरह फिट नज़र आ रहे हैं। और उन्होंने उनके आखिरी गेम में अपने ब्रेस के साथ सीधे प्रभाव डाला है। हो सकता है कि इसमें जीत हासिल ना हुई हो लेकिन एटीके के खिलाफ़ वह ड्रॉ हैदराबाद के लिए इस सीजन में अच्छी घटनाओं की शुरुआत बन सकता है।

एक और ब्राजीलियन, मार्सेलिन्हो, के साथ उनका जोड़ हैदराबाद के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। दूसरे खिलाड़ियों में वे एकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस सीजन में हैदराबाद के लिए एक से ज्यादा गोल किये हैं। असल में, ये मार्सेलिन्हो ही थे जिन्होंने एटीके के खिलाफ़ बोबो द्वारा किये गये दो गोलों में से एक के लिए मदद पहुंचाई थी। मार्सेलिन्हो की दृष्टि और बोबो की बदलाव की क्षमता का संयोजन हैदराबाद के लिए आगे बढ़ने के लिए एक घातक हथियार साबित हो सकता है। इसलिए, अगर ये दोनों आपस में सही तालमेल बैठा लें, तो हैदराबाद निश्चित रूप से इस डोलड्रम से बाहर निकलने का रास्ता तैयार कर सकता है।

लेखक: प्रसेन्जीत दे

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